Friday, 14 April 2017


खुली हवा में रखा हुआ पेट्रोल
जैसे उड़ने के बाद भी
छोड़ जाता है अपनी खुशबू
दिलाता है याद अपने होने की
वैसे ही
तुम भी छोड़ जाना 
अपना एक हिस्सा मेरे भीतर
पिघलाना मुझे अंदर से
निकलकर बाहर आना
आँसुओं के साथ
दिलाना याद अपने होने की
छोड़ जाना अपनी खुशबू
अखबार के पन्नों में
सुबह की चाय में
घर की दीवारों में

और मुझमें

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